नर्सिंग घोटाला मामला: नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में नया अपडेट सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने 169 दोषियों की पूरी जांच के आदेश को दखल देने से खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट नर्सिंग कर्मियों की याचिका खारिज कर दी है।
बता दें कि लगभग 2 सौ साल पुराने हत्याकांड को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 30 मई के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने 169 उपयुक्त पाए गए आनन्द की पुनः जांच के आदेश दिए थे। वहीं मामले की जांच में न्यायिक अधिकारी भी शामिल किए गए थे।
169 आनन्द की पुनः जांच के आदेश दिए गए
सुप्रीम कोर्ट में 30 मई को हुई सुनवाई में पैगंबर लॉ ट्रस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल की ओर से आवेदन पेश किया गया था। आवेदन में कहा गया था कि सीबीआई जांच में रिश्वत और रिश्वत का मामला सामने आने के बाद, संदिग्ध पाए गए प्रशंसकों की जांच विवादित और संदिग्ध हो चुकी है। इस पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा सुसंगत पाए गए 169 शिकायतों की पूरी जांच के आदेश दिए थे।
प्राइवेट नर्सिंग को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी
आदेश में संबंधित जिले के न्यायिक अधिकारी को शामिल करने और वीडियोग्राफी करने का भी आदेश दिया गया। इसी आदेश को प्राइवेट नर्सिंग अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
दो पुलिसकर्मियों ने जमानत अर्जी दी थी पेश
मध्य प्रदेश में नर्सिंग फर्जीवाड़े में सीबीआई ने रिमांड होने के बाद नौ आरोपियों को विशेष अदालत में पेश किया, जिसके बाद अदालत ने आरोपियों को जेल भेज दिया। वहीं चार आरोपियों को 1 जून तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया। वहीं मामले में प्रीति तिलकवार, सचिन जैन ने जमानत आवेदन भी पेश किया था।
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