नीट परीक्षा सुनवाई: मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए करवाए जाने वाले नीट एग्जाम में धांधली और पेपर लीक का आरोप लगा है। इस संबंध में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि नीट एग्जाम की धंधली की हाई लेवल जांच कराई जाए। साथ ही, पैगंबर ने मांग की है कि परीक्षा रद्द हो और रिकॉर्ड को सीज कर दिया जाए। अदालत जुलाई के पहले सप्ताह में इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई है।
उत्साहित, जबलपुर निवासी छात्रा अमीषी वर्मा ने हाईकोर्ट में नीट रिजल्ट के खिलाफ याचिका दायर की है। मामले में नीट परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था ‘नेशनल टेस्टिंग एजेंसी’ (एनटीए), नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) और प्रदेश सरकार को पक्षकार बनाया गया है। मुहम्मद ने सभी को याचिका की एडवांस कॉपी भी दी है। पक्षकार भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश करने वाले हैं। उच्च न्यायालय ने प्रारंभिक तौर पर सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट में नीट पर जुलाई में सुनवाई
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में नीट एग्जाम के पेपर लीक के खिलाफ ऐसे समय पर याचिका दायर की गई है, जब सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई चल रही है। शीर्ष अदालत में शुक्रवार (14 जून) को सुनवाई के दौरान अलग-अलग उच्च न्यायालयों में प्रथम दृष्टया मामलों को स्थानांतरित करने के लिए अनुरोध वाली एनटीए की याचिका पर निजी पक्ष को नोटिस जारी किया गया है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने एनटीए के वकील की इस दलील पर विचार किया कि सुप्रीम कोर्ट में कई सारी याचिकाएं दर्ज की गई हैं। इनमें नीट यूजी एग्जाम को रद्द करने की मांग की गई है। याचिकाओं में कहा गया है कि नीट का पेपर लीक हुआ है और इसमें अनियमितता देखने को मिली है। अदालत ने नोट जारी करने का आदेश देते हुए कहा है कि आठ जुलाई को अब इस पर सुनवाई होगी।
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