पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रेखा पात्रा का साक्षात्कार उनकी आखिरी सांस तक महिलाओं की गरिमा के लिए लड़ने की प्रतिबद्धता को उजागर करता है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन के अनुभवों, संघर्षों और राजनीति में प्रवेश करने और भविष्य की लड़ाइयों के लिए लड़ने के प्रति अपने समर्पण की अंतर्दृष्टि साझा की। यह बातचीत उनकी निर्भीकता और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है, जो उन्हें बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में उत्पीड़ित महिलाओं के प्रतिनिधि के रूप में चित्रित करती है।
संदेशखाली की एक साधारण गृहिणी रेखा, महिलाओं पर अत्याचार और भूमि कब्जाने की घटनाओं के खिलाफ प्रतिरोध का चेहरा बनकर उभरीं, जिसने देश भर में ध्यान आकर्षित किया है। केवल पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई करने और राजनीति से कोई पूर्व संबंध न होने के बावजूद, वह अपने सीधे जवाब और स्वाभाविक व्यवहार के कारण खुद को राजनीतिक हस्तियों से घिरा हुआ पाती हैं।
निस्संदेह, अचानक लोकसभा प्रत्याशी बनने के बाद पार्टी ने उन्हें राजनीति के नियम-कायदों और प्रतिक्रिया देने की सीख दी होगी, लेकिन उनकी अंतर्निहित सादगी और प्रामाणिकता जन्मजात गुण मानी जाती है। शायद यही कारण है कि वे संदेशखाली की उत्पीड़ित महिलाओं का प्रभावी ढंग से प्रतिनिधित्व कर सकीं। प्रभावशाली गलत काम करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘शक्ति स्वरूपा’ कहा है।
जागरण के वरिष्ठ संवाददाता विशाल श्रेष्ठ द्वारा साक्षात्कार में रेखा पात्रा की यात्रा, उनके निजी जीवन, संदेशखाली में अनुभव, राजनीति में उनके प्रवेश, चुनाव लड़ने और उनकी भविष्य की लड़ाइयों पर व्यापक चर्चा की गई। यहां प्रस्तुत हैं प्रमुख बिंदु.
प्रश्न: बंगाल के छोटे से गांव की साधारण गृहिणी से आप आज देश में सत्ताधारी पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी हैं। चंद दिनों में जीवन में आए इतने बड़े बदलाव को किस तरह से देखती हैं?
उत्तर: मैं गांव की एक साधारण महिला हूं, जिसे भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है, लेकिन मैं खुद को प्रत्याशी नहीं मानती। प्रत्याशी तो संदेशखाली के सताए हुए लोग हैं। मैं तो बस उनका चेहरा हूं।
प्रश्न: संदेशखाली में आप प्रतिवाद का चेहरा कैसे बन गईं?
उत्तर: मुझे नहीं पता था कि अत्याचार का विरोध करते-करते एक दिन मैं प्रतिवाद का चेहरा बन जाऊंगी। इलाके की मां-बहनों के आशीर्वाद व भाजपा के समर्थन से यह संभव हुआ है।
प्रश्न: आपके परिवार में कौन-कौन हैं?
उत्तर: मैं गरीब परिवार की लड़की हूं। घर में सास-ससुर हैं। पति दूसरे राज्य में काम करते हैं। तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी बारह, मझली सात और छोटी दो साल की है।
प्रश्न: परिवार का कितना समर्थन मिल रहा है?
उत्तर: परिवार पूरी तरह मेरे साथ है। मेरे चुनाव लड़ने से सभी बहुत खुश हैं। वे चाहते हैं कि मैं चुनाव जीतकर सबको न्याय दिलाऊं। बशीरहाट के लोगों की भलाई के लिए काम करूं।
प्रश्न: चुनाव में खड़े होने के बाद घर कैसे संभाल रही हैं?
उत्तर: (हल्की मुस्कुराहट के साथ): अब तो घर-बाहर दोनों देखना पड़ रहा है। घर का कामकाज व बच्चों को संभालने में सास काफी मदद करती हैं।
प्रश्न: भाजपा में शामिल होने से पहले राजनीति के बारे में आपकी क्या धारणा थी?
उत्तर: मैं गाय-भैंस चराने वाली गांव की एक साधारण महिला हूं। मुझे राजनीति की कोई समझ नहीं है। मैं संदेशखाली की मां-बहनों व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद से राजनीति में आई हूं। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन इस क्षेत्र में कदम रखूंगी और चुनाव लडूंगी।
प्रश्न: और भी पार्टियां हैं, फिर भाजपा को क्यों चुना?
उत्तर: संदेशखाली कांड के सामने आने के बाद भाजपा छोड़कर कोई पार्टी हमारे साथ आकर खड़ी नहीं हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे पास आए और सिर पर हाथ रखा। उन्होंने मुझे प्रत्याशी बनाकर नई राह दिखाई है। वे हमारे लिए अभिभावक की तरह हैं। हम सभी उनके कृतज्ञ हैं।
प्रश्न: चुनाव प्रचार में लोगों, विशेषकर महिलाओं की किस तरह की प्रतिक्रिया मिल रही है?
उत्तर: मेरे चुनाव लड़ने से मुझसे ज्यादा बशीरहाट संसदीय क्षेत्र के लोग खुश हैं। वे अपने घर की बेटी को ही जिताना चाहते हैं। विशेषकर महिलाएं काफी उत्साहित हैं। वे मुझे अपनी तकलीफें बता रही हैं। मैं सबके पास जाने की कोशिश कर रही हूं। सबसे बात करके उनका दु:ख-दर्द जान रही हूं।
प्रश्न: बशीरहाट में मुस्लिम मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। क्या आप उनका वोट पाने में सफल होंगी?
उत्तर: (सिर थोड़ा उठाते हुए) : मेरी लड़ाई सबको साथ लेकर है। मैं उन्हें भी भाई-बहन मानती हूं। मुझे विश्वास है कि वे भी मेरा समर्थन करेंगे, क्योंकि शाहजहां शेख (संदेशखाली कांड में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता व मामले में मुख्य आरोपित) ने उन पर भी काफी अत्याचार किए हैं। वे भी पीड़ित हैं, इसलिए मेरा साथ जरूर देंगे।
प्रश्न: जीत को लेकर कितनी आश्वस्त हैं?
उत्तर: देखिए, मैंने पहले ही कहा है कि प्रत्याशी मैं नहीं, बल्कि संदेशखाली के सताए हुए लोग हैं। जब आम लोग ही प्रत्याशी हैं तो जीत को लेकर संशय का प्रश्न ही नहीं उठता। बशीरहाट में इस बार कमल जरूर खिलेगा। मैं इसे लेकर शत-प्रतिशत आश्वस्त हूं।
प्रश्न: चुनाव जीतने पर संदेशखाली में रहेंगी या कोलकाता में?
उत्तर: देखिए, मैं हारूं या जीतूं, अपने लोगों के साथ संदेशखाली में ही रहना चाहती हूं। मैं उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी। हम संदेशखाली से अपना आंदोलन जारी रखेंगे। मां-बहनों के सम्मान की रक्षा के लिए मैं आखिरी सांस तक लड़ती रहूंगी।
प्रश्न: कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली कांड की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
उत्तर: हम हाईकोर्ट के फैसले से बहुत खुश हैं, क्योंकि हमें राज्य पुलिस पर जरा भी भरोसा नहीं है। हम चाहते हैं कि सीबीआई जल्द से जल्द मामले की जांच पूरी कर प्रत्येक गुनहगार को गिरफ्तार करे। अभी भी बहुत से दोषी खुलेआम घूम रहे हैं। वे लोगों को डरा-धमका रहे हैं। वे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए उनका सलाखों के पीछे होना जरूरी है।
प्रश्न: संदेशखाली कांड के मुख्य आरोपित शाहजहां शेख ने भी सीबीआई जांच का स्वागत किया है। इस पर क्या कहेंगी?
उत्तर: अत्याचार करने वाला खुद सीबीआई जांच का समर्थन कैसे कर सकता है! दरअसल वह बचने के लिए ऐसा कह रहा है। उसने संदेशखाली के लोगों पर बहुत अत्याचार किए हैं। अब खुद को निर्दोष बताने की कोशिश कर रहा है। राज्य पुलिस के हाथों उसकी गिरफ्तारी भी दिखावा थी।
प्रश्न: आप संदेशखाली की वर्तमान स्थिति को किस तरह से देखती हैं?
उत्तर: तृणमूल के गुंडे अभी भी संदेशखाली के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। घर-घर जाकर धमकियां दे रहे हैं। मुझे खबर मिली है कि घरों से महिलाओं को उठाकर थाने ले जाकर पुलिस अधिकारियों के पैरों में गिरवाकर माफी मंगवाई जा रही है। ऐसा होने पर बशीरहाट के लोग भयमुक्त होकर मतदान नहीं कर पाएंगे। मैं संदेशखाली के लोगों से कहूंगी कि वे डरें नहीं। हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। जरूरत पड़ने पर संदेशखाली की महिलाएं मतदान के दिन फिर हाथों में झाडू़ व लाठियां लेकर सड़कों पर उतरेंगी। बशीरहाट का प्रत्येक मतदाता शांतिपूर्ण माहौल में बिना किसी भय के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।
प्रश्न: अपनी सुरक्षा को लेकर कितनी चिंतित हैं?
उत्तर: (मुस्कुराते हुए) : मैं तनिक भी चिंतित नहीं हूं। बशीरहाट के लोग मेरे साथ हैं। मुझे उनका आशीर्वाद प्राप्त है। वे मेरे लिए ढाल की तरह हैं। भाजपा भी पूरा समर्थन कर रही है।
प्रश्न: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में क्या कहेंगी?
उत्तर: प्रधानमंत्री ने संदेशखाली की महिलाओं को ‘शक्ति स्वरूपा’ कहकर उनका मान बढ़ाया है। मेरे लिए वे पिता तुल्य हैं। बशीरहाट के लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि प्रधानमंत्री मेरी जैसी गरीब परिवार की लड़की को प्रत्याशी बनाएंगे। उन्होंने मुझे फोन करके मेरा मनोबल भी बढ़ाया। मैं यह सीट जीतकर उन्हें उपहार में देना चाहती हूं।
प्रश्न: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संदेशखाली की घटना को छिटपुट बता रही हैं। उनका कहना है कि यह सिंगुर-नंदीग्राम जैसी बड़ी घटना नहीं है। इसमें किसी की जान भी नहीं गई है। आरोपितों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं।
उत्तर: मुख्यमंत्री खुद ही गुंडों को प्रश्रय दे रही हैं। घटना के सामने आने के बाद वे एक बार भी संदेशखाली नहीं आईं। यह कहना भी सही नहीं होगा कि संदेशखाली में किसी की जान नहीं गई है। शाहजहां शेख के गुंडे कई लोगों को उठाकर ले गए हैं, जिनका अब तक पता नहीं चल पाया है। बशीरहाट के ब्लॉक-ब्लॉक में संदेशखाली जैसी स्थिति है। वहां के लोग डर के मारे मुंह नहीं खोल रहे हैं। ममता बनर्जी की पार्टी चुनाव देखकर अभी संदेशखाली की महिलाओं में साड़ियां बांट रही हैं। संदेशखाली की महिलाएं सम्मान खोने का दर्द समझती हैं। वे इन साड़ियां को कभी स्वीकार नहीं करेंगी। लेंगी भी तो जला देंगी। साड़ियों से अपराध को ढंका नहीं जा सकता।
प्रश्न: भाजपा जहां संदेशखाली की बात कर रही है, वहीं तृणमूल व अन्य भाजपा विरोधी दल मणिपुर, उन्नाव व हाथरस का मुद्दा उठा रहे हैं। एक महिला के तौर पर आप उन घटनाओं को किस तरह से देखती हैं?
उत्तर: वहां भाजपा ने नहीं, बल्कि तृणमूल के गुंडों ने जाकर अत्याचार किए हैं। वे (पीएम मोदी) वहां (मणिपुर) नहीं जा सके, इसलिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी तो संदेशखाली नहीं आईं, जबकि सहजता से आ सकती थीं। स्थानीय तृणमूल सांसद नुसरत जहां ने भी संदेशखाली आने की जरूरत नहीं समझी।
प्रश्न: कथित स्टिंग आपरेशन के वीडियो में बारे में क्या कहेंगी, जिसमें स्थानीय भाजपा नेता गंगाधर कयाल संदेशखाली की घटना को ‘गढ़ी’ हुई और बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की साजिश बताते नजर आ रहे हैं?
उत्तर: यह तृणमूल की साजिश है। यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी है। इसकी कोई प्रामाणिकता नहीं है। गंगाधर कयाल पार्टी संगठन के नेता हैं। वे ऐसी बातें क्यों करेंगे? दरअसल उन पर दबाव डालकर इस तरह का वीडियो तैयार किया गया है।
प्रश्न: उस वीडियो के बारे में क्या कहेंगी, जिसमें आप खुद राष्ट्रपति से मिलने गईं संदेशखाली की महिलाओं की पहचान पर सवाल उठाती दिख रही हैं?
उत्तर: तृणमूल मेरे एक पुराने वीडियो को लेकर संदेशखाली के आंदोलन का असम्मान करने का प्रयास कर रही है। यह वीडियो भाजपा की ओर से मुझे बशीरहाट से प्रत्याशी बनाए जाने से पहले का है। तृणमूल इसका गलत फायदा उठाना चाह रही है।
प्रश्न: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल सरकार को महिलाओं की सबसे बड़ी हितैषी बता रही हैं। कन्याश्री, लक्ष्मी भंडार, रूपश्री जैसी महिलाओं के कल्याण से जुड़ी योजनाओं का हवाला दे रही हैं।
उत्तर: ममता बनर्जी खुद को बंगाल की बेटी कहती हैं। अगर वाकई ऐसा होता तो वे तृणमूल के गुंडों के हाथों बंगाल की महिलाओं का सम्मान नष्ट नहीं करवातीं। वह अच्छा बनने का ढोंग करती हैं। लक्ष्मी भंडार के माध्यम से 1000-1200 रुपये देकर महिलाओं का सम्मान खरीदने की कोशिश की जा रही है। पैसे देकर महिलाओं का लूटा गया सम्मान वापस नहीं किया जा सकता। वास्तविकता यह है कि संदेशखाली की घटना सामने आने के बाद वहां की महिलाओं को लक्ष्मी भंडार, विधवा व वृद्धावस्था भत्ता देना बंद कर दिया गया है।
प्रश्न: पिछली बार की तृणमूल सांसद नुसरत जहां के बारे में क्या कहेंगी?
उत्तर: नुसरत जहां ने पिछले पांच वर्षों के दौरान बशीरहाट के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। शाहजहां शेख ने उन्हें अपने हाथों की कठपुतली बनाकर रखा था। वे उन्हें अपने इशारों पर नचाते थे। उनके नाम पर लोगों पर अत्याचार करते थे। संदेशखाली की घटना सामने आने के बाद नुसरत जहां एक बार भी यहां नहीं आईं। सांसद व अभिनेत्री होने से पहले वे एक महिला हैं। उन्हें दूसरी महिलाओं का दर्द समझना चाहिए था।
प्रश्न: निर्वाचित होने पर आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
उत्तर: निश्चित रूप से बशीरहाट के लोगों की मुझसे काफी अपेक्षाएं होंगी। मां-बहनों के सम्मान की रक्षा करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। किसान भाइयों से छीनी गई जमीन उन्हें लौटाने का प्रयास करूंगी, ताकि वे पहले की तरह खेती-बाड़ी करके जीवन-यापन कर सकें। जहां तक क्षेत्र के विकास की बात है तो सुंदरवन तक ट्रेन सेवा शुरू करने का प्रयास करूंगी, जो अभी हासनाबाद तक ही है।
ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण पर मेरा जोर रहेगा। नदी तटबंधों की मरम्मत का भी काम कराऊंगी, क्योंकि बारिश के समय व चक्रवात आने पर काफी परेशानी होती है। शिक्षा के प्रसार के लिए भी काम करूंगी। हमारे यहां अच्छे स्कूल नहीं हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर भी ध्यान दूंगी। कल्याणी की तरह सुंदरवन में भी एम्स के निर्माण की बात थी। उस परियोजना को मूर्तरूप देने की कोशिश करूंगी।