Share Market Outlook :
ऐतिहासिक आंकड़ों के आधार पर विचार करते हुए, यह स्पष्ट है कि वर्तमान बाजार की स्थिति और विशेष रूप से आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए, पारंपरिक रूप से ‘मई में बेचें और दूर चले जाएं’ की रणनीति वास्तविकता में सही नहीं हो सकती।
शेयरबाजारकीदिशानिर्देश:
पिछलेतीनमहीनोंसेशेयरबाजारमेंचलरहीतेजीकासिलसिलामईमेंभीजारीरहनेकीसंभावनाहै।इसकाकारणआर्थिकवृद्धिकीअच्छीप्रतीक्षाकेसाथ-साथआमचुनावोंमेंमौजूदासरकारकेपुनःसत्तामेंआनेकीसंभावनाऔरघरेलूनिवेशकोंकीमजबूतभागीदारीकेसाथनिवेशकोंकीधारणाकासकारात्मकहोनाहै।इसदिशा-निर्देशकोविश्लेषकोंनेदियाहै।जनवरीमहीनेमें, बीएसईसेंसेक्सजो 30 शेयरोंपरआधारितहै, 0.67 फीसदीनीचेआयाथा।हालांकि, फरवरीकेबादसेबाजारमेंतेजीकासिलसिलाबनाहुआहै।इसअवधिमें, बीएसईमानकसूचकांकसेंसेक्स 1.04 फीसदीबढ़ा।मार्चमेंइसमें 1.58 फीसदीकीमजबूतवृद्धिहुई, जबकिअप्रैलमेंसूचकांक 1.12 प्रतिशतबढ़ा।
रिटेल इन्वेस्टर्स की मजबूत भागीदारी
मास्टर कैपिटल सर्विस लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने बताया कि बाजार में तेजी का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण घरेलू संस्थागत निवेशकों के साथ व्यक्तिगत निवेशकों दोनों की मजबूत भागीदारी है। उन्होंने कहा कि अगर शेष कंपनियों के वित्तीय परिणाम सकारात्मक रहें, तो बाजार में और भी तेजी की उम्मीद है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर पश्चिम एशिया में तनाव कम होता है और चीनी अर्थव्यवस्था में मजबूती दिखती है, तो बाजार में मजबूती बनी रहने की संभावना है।
बीएसई सेंसेक्स की बात करें तो, विभिन्न कारणों से यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ-साथ सकारात्मक बाजार भावना ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। सेंसेक्स ने इस साल अप्रैल के दौरान 75,124.28 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह सूचकांक पहली बार ऐतिहासिक 75,000 अंक के स्तर को पार किया है। सेंसेक्स ने अप्रैल के महीने में पहली बार 75,000 अंक के ऊपर बंद होने का भी रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ ही, बीएसई की लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण आठ अप्रैल को पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि.के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने बताया कि इस साल की शुरुआत से ही छोटी कंपनियों के शेयरों में तेजी जारी है। इसका कारण संभवतः पर्याप्त घरेलू नकदी और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण है। उन्होंने जोड़ा कि छोटी कंपनियों का बेहतर प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर देखा गया है, जो भारतीय बाजार के विकास को दर्शाता है।
हेज फंड हेडोनोवा में सीआईओ (मुख्य निवेश अधिकारी) सुमन बनर्जी ने कहा कि ‘मई में बेचें और बाजार से दूर रहें’ कहावत पुरानी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ब्याज दर में कटौती और