दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और ED की तरफ से ASG एसवी राजम ने दलीलें पेश की।
बेंच ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा- “आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ हैं, तो आपने जमानत के लिए आवेदन क्यों नहीं किया?” इस पर सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी अवैध है, इसलिए। इस पर ED के वकील एसवी राजू ने कहा कि इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया, और उन्हें नोटिस भेजा गया था, जिसे वे नजरअंदाज कर दिया।
कोर्ट में सुनवाई 2 बजकर fifty five मिनट पर शुरू हुई। इसके बाद सिंघवी ने करीब 1 घंटे तक अपनी बातें रखीं। कोर्ट ने इस पर पूछा कि उन्हें अपनी बात पूरी करने के लिए और कितना समय चाहिए। हम इस पर 30 अप्रैल को सुनवाई करेंगे।
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को सही ठहराया था। 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया था। साथ ही कहा था कि ED के पास गिरफ्तारी के पर्याप्त सबूत हैं। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 15 अप्रैल को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 29 अप्रैल को सुनवाई की तारीख दी थी।
अपडेट्स
04:20 PM29 अप्रैल 2024
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सिंघवी: ईडी यह नहीं कह सकती है कि उसके पास आधार है, क्योंकि केजरीवाल को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत नहीं दी गई।
जस्टिस खन्ना: क्या आप खुद विरोधाभासी नहीं हो रहे हैं? आपने कहा कि सेक्शन 50 के तहत बयान रिकॉर्ड नहीं किए गए। फिर बाद में आप बयान देने के लिए नहीं गए।
सिंघवी: इन्होंने सेक्शन 50 के तहत जो रिकॉर्ड किया, उसमें कोई सबूत नहीं है। मैं यही कह रहा हूं।
जस्टिस खन्ना: हम समझ गए। और कितना वक्त लगेगा?
सिंघवी: कम से कम एक घंटा।
जस्टिस खन्ना: हम कल सुनवाई करेंगे।
04:19 PM29 अप्रैल 2024
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सिंघवी: मैं तारीखें बता सकता हूं। 9वें बयान को नजरंदाज कर दिया, 10वें को देखा। ऐसा नहीं होना चाहिए। बुच्ची बाबू, मुंगटा, राघव इनके पांचों बयान देख लीजिए। क्या तारीख है, दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 तक। इन्होंने मार्च 2024 में गिरफ्तारी क्यों की। वो कोई आतंकवादी नहीं हैं। आपने एक दोषी मुख्यमंत्री को इतने वक्त तक खुला क्यों घूमने दिया?
जस्टिस खन्ना: आपको नोटिस भेजे गए थे। आपने नजरअंदाज कर दिया।
सिंघवी: केजरीवाल को सीबीआई ने बुलाया, वो गए। ईडी के नोटिस का डिटेल में जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि वो नहीं आ सकते हैं। आप आज ये नहीं कह सकते हैं कि आप आए नहीं इसलिए हमने गिरफ्तार कर लिया। ये मेरा अधिकार है कि मैं ना जाऊं। अगर कोई आरोपी कहता है कि मैं बयान नहीं दूंगा तो क्या आप कह सकते हैं कि आरोपी सहयोग नहीं कर रहा है इसलिए उसे गिरफ्तार करते हैं? इन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार किया। सेक्शन 50 के तहत वहां बयान नहीं लिए गए। डेढ़ साल तक गिरफ्तारी नहीं की गई। मेरी बेल को नकार दिए जाने से मुझे घर आकर गिरफ्तार करने का आधार नहीं बन जाता है।
04:18 PM29 अप्रैल 2024
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सिंघवी: अगर आप गवाह बनते हैं तो निश्चित तौर पर कुछ मिलीभगत है।
जस्टिस खन्ना: यथार्थ की बात करते हैं, आपको चार्जशीट नहीं किया गया।
सिंघवी: कई बयानों में केजरीवाल नाम नहीं लिया गया। कोई नए दस्तावेज नहीं थे। इन्हें सिसोदिया केस में दिखाया गया था। केजरीवाल को अब अरेस्ट किया गया, अब क्या नया था? सेक्शन 50 के तहत ये बयान दर्ज किए गए। इनमें मेरा नाम नहीं था सिर्फ एक को छोड़कर। बीएसआर रेड्डी जिसने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, उसने 17 बयान दिए थे। उसने अप्रैल में मेरा नाम लिया था।
शरथ रेड्डी ने अपने 9 बयानों में मेरा नाम नहीं लिया था। मेरा नाम विश्वास ना करने वाले दस्तावेज में डाल दिया गया। इन्होंने अपने हिसाब से चयन किया। ये चूहे-बिल्ली के खेल जैसा है। शरथ रेड्डी ने मेरा नाम 10 अप्रैल तक नहीं लिया था। लेकिन क्या ईडी ने उसके 10वें बयान पर भरोसा करने की वजह बताई?
ईडी: यह सही नहीं है।
03:53 PM29 अप्रैल 2024
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जस्टिस खन्ना: हम समझ रहे हैं कि आप PMLA के सेक्शन 19 पर फोकस कर रहे हैं। कड़ी परीक्षा है। देखते हैं कि विजय मदनलाल चौधरी का फैसला क्या कहता है।
सिंघवी: लेकिन ध्यान रखिए कि केजरीवाल आरोपी नहीं हैं। 24 मार्च तक उन्होंने यही कहा था कि मैं ना तो आरोपी हूं और ना ही संदिग्ध। कुछ बयानों की अफवाह थी, जैसे राघव, शरथ रेड्डी। इलेक्टोरल बॉन्ड का नाम सामने आया, पिता ने भाजपा जॉइन कर ली।
03:45 PM29 अप्रैल 2024
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सिंघवी: 3 स्टेज होते हैं। दस्तावेज, विश्वास करने का कारण और आरोपी होना। गिरफ्तार करने का अधिकार होने का मतलब यह नहीं कि गिरफ्तार कर लें। आरोप सिद्ध होना चाहिए सिर्फ शक नहीं होना चाहिए। आपके पास पुख्ता सबूत होने चाहिए। या आरोप सिद्ध होने के सबूत होने चाहिए। कुछ आधार होना चाहिए, जो हमें नहीं पता।
सिंघवी: 16वां बयान उस आदमी का था, जो सलाखों के पीछे था। जब वो गवाह बन गया तो बाद में उसे बेल मिल गई। ऐसे में उसका बयान आधार खो देता है। ये बयान पिछले साल जुलाई में लिया गया था। उन्होंने केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया। हम यह नहीं कहते कि मुख्यमंत्री को इससे छूट है, लेकिन क्या उसके पास अधिकार भी कम हैं?
03:42 PM29 अप्रैल 2024
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जस्टिस खन्ना: इस मामले को भूल जाइए। नॉर्मल केस ले लीजिए। एक आदमी को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया गया। पुलिस कस्टडी के लिए एप्लिकेशन दी गई। उन्होंने कस्टडी के लिए आधार भी बताया। कोर्ट ने कस्टडी देने का फैसला किया। शुरुआत में जमानत के लिए जिन दस्तावेजों को जांचा जाता है, वो पुलिस डायरी होती है और वो दस्तावेज जो तब तक इकट्ठा किए गए होते हैं।
सिंघवी: यह परंपरागत बेल है, आप कृपया सेक्शन 19 देखिए।
03:41 PM29 अप्रैल 2024
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सिंघवी: गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं थी। सीबीआई ने 3 चार्जशीट दाखिल की हैं।
जस्टिस खन्ना: इसमें भी आपका नाम नहीं था?
सिंघवी: नहीं।
जस्टिस खन्ना: बाद में इन्फोर्समेंट केस इन्फर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) फाइल की गई, जिसमें आपका नाम था?
सिंघवी: नहीं। दिसंबर 2023 तक 10 दस्तावेज थे। इनमें सीबीआई चार्जशीट और ईडी की कम्पलेंट थी। इनमें नाम नहीं था।
03:39 PM29 अप्रैल 2024
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जस्टिस खन्ना: दरअसल आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ हैं। आपने जमानत के लिए आवेदन क्यों नहीं किया?
अभिषेक मनु सिंघवी: क्योंकि गिरफ्तारी अवैध है।
ईडी(ASG एसवी राजू): इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया।
जस्टिस खन्ना: लेकिन इन्होंने अंतरिम राहत मांगी।
सिंघवी: हां, क्योंकि गिरफ्तारी अवैध है। गिरफ्तारी की तारीख 21 मार्च थी। सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी।
03:32 PM29 अप्रैल 2024
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जस्टिस संजीव खन्ना: आपने ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन नहीं किया।
सिंघवी: हमने आवेदन किया है।
सुप्रीम कोर्ट: तो कोई जमानत आवेदन नहीं
सिंघवी: हां, लेकिन आपका पास सारे अधिकार हैं।
सुप्रीम कोर्ट: हम ये नहीं पूछ रहे कि क्यों नहीं किया। हम आपको फैक्ट बता रहे हैं।
जस्टिस खन्ना: दरअसल आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ हैं। आपने जमानत के लिए आवेदन क्यों नहीं किया?
अभिषेक मनु सिंघवी: क्योंकि गिरफ्तारी अवैध है।
03:22 PM29 अप्रैल 2024
9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने कहा था- अरेस्ट सही, ED ने पर्याप्त सबूत दिए
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
केजरीवाल ने कहा था कि ED के पास पिछले 9 महीने से ऐसे बयान थे। इसके बावजूद उन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी और रिमांड की जांच कानून के हिसाब से होगी ना कि चुनाव की टाइमिंग को देखकर। हाईकोर्ट के फैसले के एक दिन बाद 10 अप्रैल को केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
03:21 PM29 अप्रैल 2024
सिसोदिया इसी मामले में जेल में, संजय सिंह जमानत पर
केजरीवाल से पहले शराब नीति केस में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। इसी महीने 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। तिहाड़ में 6 महीने रहने के बाद 3 अप्रैल को वो बाहर आए थे।
03:21 PM29 अप्रैल 2024
शराब नीति केस की टाइमलाइन
03:20 PM29 अप्रैल 2024
केजरीवाल की कस्टडी 7 मई तक बढ़ी, जेल में पहली बार इंसुलिन दी गई
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार 23 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी। इसके पहले केजरीवाल की कस्टडी 1 अप्रैल से 15 अप्रैल, फिर उसके बाद 23 अप्रैल तक बढ़ाई गई थी। कोर्ट के इस आदेश के बाद केजरीवाल अब लोकसभा चुनाव के दूसरे (26 अप्रैल) और तीसरे (7 मई) फेज की वोटिंग के दौरान भी जेल में रहेंगे। केजरीवाल के अलावा BRS नेता के. कविता और एक अन्य आरोपी चरनप्रीत की कस्टडी भी 7 मई तक बढ़ा दी गई है