अमानतुल्ला खान और उनके कथित सहयोगियों के खिलाफ धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और दिल्ली …अधिक पढ़ें
- भाषा
- LAST UPDATED : APRIL 27, 2024, 23:58 IST
संबंधित खबरें
- ‘मैं रोज इंसुलिन की मांग…’ जेल प्रशासन की किस बात पर भड़के अरविंद केजरीवाल
- क्यों खराब हो रही विस्तारा की फ्लाइट? पटना-दिल्ली विमान सेवा फिर हुई प्रभावित
- स्पाइडर-मैन बाइक वाले का दिल्ली पुलिस ने काटा 21,500 का चालान, अकाउंट सस्पेंड
- नाबालिग से एकतरफा प्यार, मां बोली- छोड़ दो हरकत, फिर हुआ ‘कर्नाटक जैसा’ कांड
नई दिल्ली.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान को उनकी अध्यक्षता के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में अगले सप्ताह फिर से पेश होने को कहा है. सूत्रों के अनुसार आप विधायक को 29 अप्रैल को पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज कराना जारी रखने के लिए कहा गया है.
ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक से केंद्रीय एजेंसी ने पिछले सप्ताह लगभग 13 घंटे तक पूछताछ की थी. संबंधित घटनाक्रम में दिल्ली की एक अदालत ने खान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन की अनदेखी करने के लिए एजेंसी द्वारा दायर किए गए एक मुकदमे में शनिवार को जमानत दे दी.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा ने अदालत में पेश होने के बाद खान को 15,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर रिहा कर दिया. आप नेता और दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने पहले कहा था कि खान के खिलाफ ईडी का मामला फर्जी है और पार्टी अपने विधायक के साथ खड़ी है.
शीर्ष कोर्ट द्वारा इस मामले में आप विधायक की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार किए जाने के बाद 18 अप्रैल को खान एजेंसी के सामने पेश हुए थे. उस दौरान ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले पत्रकारों से बातचीत के दौरान खान ने दावा किया था कि जब वह वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे तो उन्होंने नियमों का पालन किया और कानूनी राय लेने के बाद और 2013 में आए नए अधिनियम (बोर्ड के लिए) के अनुसार सबकुछ किया था.
खान और उनके कथित सहयोगियों के खिलाफ धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से जुड़ा है. ईडी ने दावा किया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से बड़ी रकम नकद में अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए उस रकम का निवेश किया.