अमेरिका के कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में पिछले कुछ दिनों से गाजा के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। पुलिस और प्रशासन प्रदर्शनकारियों को रोकने और उन पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन प्रदर्शनों से जुड़ी पोस्टें वायरल हो रही हैं, जिनमें लोग ‘इंतेफ़ादा’ शब्द का प्रयोग कर रहे हैं। इस शब्द का इस्तेमाल अरबी में क्रांति या विद्रोह के लिए किया जाता है। कुछ लोग इसे नए ‘इंतेफ़ादा’ के जन्म के संकेत के रूप में देख रहे हैं। गाजा में इसराइल के सैन्य अभियान के खिलाफ अमेरिका में छात्र अपनी पढ़ाई को छोड़कर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। वे अस्थायी टेंटों में इकट्ठा हो रहे हैं। अब तक कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। कई विश्वविद्यालयों में छात्रों को सस्पेंड किया गया है, जिसके खिलाफ विरोध है। कुछ छात्र इसे बुद्धिजीवियों की क्रांति के रूप में भी देख रहे हैं। दूसरी ओर, कुछ एक्टिविस्ट विश्वविद्यालयों में गाजा में हो रहे ‘जनसंहार’ के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
उन्हें ऐसी कंपनियों में से नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने की अपील है जो हथियारों के निर्माण में या फिर इसराइल-गाजा युद्ध का समर्थन करती हैं। इन प्रदर्शनों के समर्थन में कुछ छात्र उन्हें ‘इंटेलेक्चुअल इंतेफ़ादा’ यानी ‘बुद्धिजीवियों की क्रांति’ कह रहे हैं। इसके अलावा, छात्रों का कहना है कि जो लोग इस तरह की चिंता जता रहे हैं, वे मामले को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं और उनकी मांगों के विरोध में हैं।
ये प्रदर्शन विभिन्न विश्वविद्यालयों में हो रहे हैं, जैसे कि न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफोर्निया बर्कले, और यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन। इसके अलावा, बॉस्टन के एमरसन कॉलेज, टफ्ट्स यूनिवर्सिटी, और मैसेचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।